Swachh Bharat abhiyan
यह अभियान २ अक्टूबर,२०१४ में चालू हुआ। तब मैं कैलाश खेर के गाना सुन के उठ जाया करता था । हालांकि हमारे घर में ही ऐसा प्रचलन नहीं था। एक दिन स्वच्छ भारत की गाड़ी आनी शुरू हुई। ऐसा लगा मानो कूड़े के साथ-साथ मन की भी सफाई होने लग गई। विदेश में तो बहुत साफ सफाई रहती है परंतु भारत में इसकी कमी है। २०१९ में मैं तेलंगाना चला गया था। उधर मैं काम में मन लगाया और वहां पर यह गाड़ी मुझे मिली पर यह गाना तेलुगु में आया करता था। मन को भाता था। वहां पर यह गाड़ी पैसे मांगा करती थी, शायद पैसों की तंगी की वजह से। हालांकि यह सुविधा केंद्र सरकार द्वारा मुफ्त में चलाई गई है। एक-दो दिन तो मैंने डाला पर फिर मैं भी डालना बंद कर दिया। अभी मैं नोएडा में रहता हूं इधर तो मेरा सबसे पहले काम में कूड़ा डालना भी है शुक्र से गाड़ी घर के पास ही आ जाती है पर कभी-कभी मुझे थोड़ा दूर जाना पड़ता है इससे बड़ी खुशी मिलती है । साथ ही मेट्रो स्टेशन पर श्रेडर मशीन लगाई गई है जिसमें प्लास्टिक बोतल या पॉलीथीन डालने पर कूपन मिलता है जिसको हम किसी ऐप पर ऑर्डर करने में इस्तेमाल कर सकते हैं। Green worms Website नामक एक...